जल्द ही दिल्ली में यूपी रोडवेज की बसों की एंट्री बैन होने वाली है। उत्तर प्रदेश की बसें आनंद विहार नहीं जा पाएंगी, तो कहां जाएंगी। पढ़िए ये खबर
New Delhi, Oct 26: अब इस से ज्यादा क्या वायरल खबर होगी, जी हां इन दिनों ऐसी चर्चा हो रही है कि दिल्ली में उत्तर प्रदेश की सरकारी बसों को आने नहीं दिया जाएगा। इस खबर के बाद से ही लोग परेशान हो रहे हैं। उनको लग रहा है कि जो बसें आनंद विहार से उत्तर प्रदेश जाने के लिए मिलती थी वो अब बंद हो जाएंगी, आनंद विहार बस अड्डे पर य़ूपी रोडवेज की बसों पर बैन लग जाएगा। हम आपको इस खबर के बारे में पूरी जानकारी देंगे। अगर ऐसा हो रहा है तो क्यों हो रहा है।
क्या है खबर
पहले हम आपको बता देते हैं कि ये खबर क्या है। दरअसल दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए ये कयास लगाए जा रहे हैं कि आनंद विहार बस अड्डे पर यूपी की बसों को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए ये फैसला किया जा सकता है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी इनवायरमेंटल प्रोटेक्शन कंट्रोल अथॉरिटी बस अड्डे का निरीक्षण करेगी, उसके बाद ये फैसला लिया जा सकता है।
क्या होगा फैसले का असर
अगर आनंद विहार बस अड्डे पर उत्तर प्रदेश रोडवेज की बसें नहीं आएंगी, उनको बैन कर दिया जाएगा तो मुसाफिरों को परेशानी हो सकती है। आनंद विहार से यूपी के कई इलाकों के लिए बस सर्विस है। ये फैसला मुसाफिरों के लिए परेशानी बढ़ा सकता है। वैसे ये भी कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश रोडवेज की बसों को बैन किया जाएगा ,लेकिन दिल्ली की बसें तो चलती रहेंगी।
प्रदूषण बड़ी वजह
दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे से देश के कई हिस्सों के लिए बसें चलती हैं। सबसे ज्यादा मुसाफिर यहं पर उत्तर प्रदेश के ही आते हैं। आनंद विहार दिल्ली के सबसे प्रदूषित इलाकों में से एक है। यहां पर प्रदूषण लगातार बढ़ता रहता है। यही कारण है कि प्रदूषण को कम करने के लिए ये फैसला लिया जा सकता है। मुसाफिरों को थोड़ी परेशानी होगी लेकिन पर्यावरण के लिए ये जरूरी है।
500 बसें यूपी की
माना जाता है कि आनंद विहार दिल्ली का सबसे प्रदूषित इलाका है। वैसे तो यहां पर प्रदूषण के कई कारण हैं, लेकिन सबसे बड़ी वज आईएसबीटा को माना जाता है। यहां रोजाना 945 बसें आती हैं, जिनमें से करीब पांच सौ अकेले उत्तर प्रदेश से होती हैं। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश की बसों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। इसके लिए जांच चल रही है। सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ये चेक कर रही है।
आनंद विहार नहीं तो कहां
अब सवाल उठता है कि अगर आनंद विहार में उत्तर प्रदेश की बसं प्रतिबंधित कर दी गई तो फिर बसें कहां पर रुकेंगी, मुसाफिर कहां से बसों में बैठेंगे। तो बता दें कि उत्तर प्रदेश रोडवेज की बसें कौशांबी बस अड्डे पर रुकेंगी, वहीं से बन कर फिर से चलेंगी। इस तरह से वो बसें दिल्ली में घुसने नहीं पाएंगी। हालांकि अभी ये शुरूआती खबर है, हो सकता है कि इसमें कोई बदलाव हो जाए।
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी करेगी फैसला
बताया जा रहा है कि आनंद विहार में प्रदूषण के कारणों और उसके निदान को लेकर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी इनवायरमेंटल प्रोटेक्शन कंट्रोल अथॉरिटी काम कर रही है। वो ये देख रही है कि प्रदूषण का असली कारण क्या है। अगर बसों को दिल्ली में घुसने से रोक दिया गया तो उसका कितना असर पड़ेगा। और उसके बाद हालात कितना बदलते हैं। कमेटी ने आनंद विहार बस अड्डे का मुआयना करने बाद दिल्ली के परिवहन आयुक्त को निर्देश दिए हैं.
उत्तर प्रदेश की बसें सबसे प्रदूषित
हाल ही मं दिल्ली में सात राज्यों की बसों का प्रदूषण चेक किया गया। समय समय पर इस तरह के चेक किए जाते रहते हैं। इस से बसों की सेहत के बारे में तो पता चलता ही है साथ में ये भी पता चलता है कि वो कितना प्रदूषण फैला रही हैं। इस टेस्ट उत्तर प्रदेश की बसें सबसे ज्यादा प्रदूषित मिलीं. यहां की 14 में से 11 बसें प्रदूषण जांच में फेल हो गई थीं.
आनंद विहार की हालत खराब
दिल्ली के बॉर्डर पर स्थित आनंद विहार से उत्तर प्रदेश लगा हुआ है। यहां रेलवे स्टेशन और बस अड्डा होने के कारण मुसाफिर काफी संख्या में आते हैं। हाल के दिनों में आनंद विहार मं प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। पीएम 10 का सामान्य लेवल 100 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर होना चाहिए. जबकि आनंद विहार में ये 900 तक पहुंच चुका है. इसी तरह पीएम 2.5 का नॉर्मल लेवल 60 एमजीसीएम होता है लेकिन ये यहां 500 तक पहुंच गया है।