26 साल के राहुल पटेल ने सवा करोड़ रुपये की भारी-भरकम पैकेज वाली नौकरी छोड़ समाज के कमजोर तबके की मदद को ही अपना करियर बना लिया है।
New Delhi, Jan 14 : आमतौर पर हर इंसान का एक ही सपना होता है, कि वो जीवन में मुकाम हासिल करे, सुख-सुविधाओं में जीवन बिताएं, उसे और उसके परिवार को किसी भी तरह की परेशानी ना हो, इसलिये इंसान दिन-रात मेहनत करता है। लेकिन हमारे देश में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें अपने सपनों के आगे दूसरों की जरुरत ज्यादा बड़ी लगती है, ऐसे ही एक शख्स हैं 26 साल के राहुल पटेल, जिन्होने सवा करोड़ रुपये की भारी-भरकम पैकेज छोड़ समाज के कमजोर तबके की मदद को ही अपना करियर बना लिया है।
कानपुर में हुई स्कूलिंग
मालूम हो कि यूपी के बांदा जिले में पैदा हुए राहुल पटेल ने बताया कि वो बचपन से ही समाज के लिये कुछ ना कुछ करना चाहते थे, वो बचपन से ही ब्राइट स्टूडेंट रहे हैं, उनकी वजह से ही उनके पिता बांदा छोड़ कानपुर शिफ्ट हो गये थे, ताकि उनकी पढाई-लिखाई अच्छे से हो सके। राहुल ने कानपुर से ही अपनी स्कूलिंग पूरी की है।
आईआईटी गुवाहाटी से किया बीटेक
12वीं पास करने के बाद वो बीटेक की पढाई करने के लिये गुवाहाटी चले गये, वहां उन्होने साल 2013 में केमिकल ट्रेड में बीटेक की पढाई पूरी कर ली। पढाई के बाद राहुल ने हैदराबाद में करीब डेढ साल तक नौकरी की, लेकिन उनका मन बार-बार कमजोर समाज के उत्थान के लिये ही लगा रहा, उसका नतीजा ये रहा कि उन्होने सवा करोड़ के पैकेज वाली नौकरी छोड़ दी और वापस कानपुर आ गये।
लोगों के लिये कर रहे ऐसा
राहुल पटेल ने एक लीडिंग वेबसाइट से बात करते हुए बताया कि उनके बचपन का कुछ समय गांव में ही बीता, जहां उन्होने महसूस किया कि गांव के लोग जानकारी के अभाव में पीछे रह जाते हैं, अगर ग्रामीण लोगों को भी सही समय पर सही गाइडेंस दिया जाए, तो उनका भी भविष्य सुधर सकता है।
ग्रामीणों को देते हैं जानकारी
राहुल ने कहा कि आजकल तो सबकुछ इंटरनेट पर उपलब्ध है, जब मैं यहां आया था, तो गांव के लोग इंटरनेट को लेकर बहुत जागरुक नहीं थे, वो इस बारे में ज्यादा नहीं जानते थे, तब मैंने सोचा था कि अगर यहां के लोगों को मोबाइल पर ही नौकरी के बारे में जानकारी दी जाए, तो उन्हें आसानी से नौकरी मिल सकती है।
दोस्तों के साथ मिलकर बनाया ऐप्प
इसके बाद राहुल पटेल ने अपने कॉलेज के तीन दोस्तों के साथ मिलकर साल 2016 में ईजी नौकरी के नाम से एक मोबाइल ऐप्प बनाया, राहुल के मुताबिक इस ऐप्प की मदद से कोई भी युवा अपनी योग्यता अनुसार आसानी से नौकरी सर्च कर सकता है। फिर ऐप्प लांच होने के बाद वो कानपुर, बांदा, फतेहपुर और बुंदेलखंड गये, जहां पर वो ग्रामीणों से बात करते े और उन्हें इसके जरिये नौकरी तलाशने को कहते थे।
600 युवाओं को मिली नौकरी
राहुल ने बताया कि वो गांव-गांव जाकर लोगों से मिलते थे और उन्हें इस ऐप्प के बारे में जानकारी देते थे, जिन लोगों को इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं आता था, उन्हें जॉब सर्च करना, फॉर्म भरना, डाटा अपलोड करना भी उन्होने सिखाया, राहुल के अनुसार इस ऐप्प की मदद से अब तक 600 से ज्यादा युवाओं को नौकरी मिल चुकी है।
पूर्वांचल पर खास जोर
अब राहुल और उसके साथ लगे युवा पूर्वांचल के युवाओं को भी लाभ देने के लिये जुट गये हैं, कंपनी ने गोरखपुर, गाजीपुर, इलाहाबाद और चंदौली में ग्रामीण युवाओं को नौकरी दिलाने का प्लान तैयार किया है। आपको बता दें कि पूर्वांचल में नौकरियों की खूब कमी है, इस वजह से यहां के युवा बड़े शहरों की तरफ पलायन करते हैं।
सरकार से सहयोग की दरकार
इसमें आने वाले खर्च पर बोलते हुए आईआईटीयन ने कहा कि जॉब के दौरान हम दोस्तों ने जो सेविंग की थी, अब तक उसी से काम चल रहा है, हम इसके लिये सरकार से भी बात करने की कोशिश कर रहे हैं, कि वो अपना सहयोग दें, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके। क्योंकि देश में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है।