एक मुल्क ऐसा है जहां परंपरा ही लोगों पर हावी हो रही है। यहां लड़कियां अनजान लोगों से संबंध बनाती हैं और इस वजह से एड्स जैसी महामारी से पीड़ित हैं।
New Delhi, Dec 01: एड्स आज के दौर में दुनिया में एक गंभीर समस्य़ा बन चुका है। देखा जा रहा है कि दुनियाभर के लोग इस बीमारी से परेशान हैं। हैरानी तो तब होती है, जब पता चलता है कि इस बीमारी का कोई इलाज नही है। एड्स ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी वायरस के संक्रमण की वजह से महामारी का रोग है। ये अब पूरी दुिया में तेजी से फैल रहा है। आपको पहले हम यूनाइटेड नेशंस की रिपोर्ट के बारे में बता देते हैं।
क्या कहती है यूएन की रिपोर्ट
यूएन की रिपोर्ट कहती है कि 1988 के बाद से अब तक दुनिया में करीब ढाई करोड़ लोग एड्स से बेमौत मारे जा चुके हैं। अभी भी करोड़ों लोग इस भयंकर बीमारी की चपेट में हैं। एड्स के मामले में साउथ अफ्रीका पहले नम्बर पर है। इस मुल्क में एड्स के रोगी सबसे ज्यादा हैं। लेकिन आपको जानकर और भी हैरानी होगी कि इस मु्ल्क में परंपरा के नाम पर गंदा खिलवाड़ होता है।
पानोस इंस्टूट्यूट की रिसर्च
जी हां पानोस इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट कहती है कि इस मुल्क में यौन पावित्रीकरण का प्रचलन है। दरअसल पानोस इंस्टीट्यूट दुनियाभर में एड्स के मामले में सबसे पहले रिसर्च करता है। इसकी रिपोर्ट कहती है कि साइथ अफ्रीका के कई मुल्कों में एक परंपरा ‘सेक्शुअल क्लिन्जिंग’ यानी यौन पवित्रीकरण के नाम से प्रचलति है इस परंपरा के मुताबिक, पुरुषों को विधवा महिलाओं के साथ संबंध बनाने के लिए खरीदा जाता है।
यहां पुरुषों को संबंध बनाने के लिए खरीदते हैं लोग
इसके अलावा पुरुष को शादी करने वाली लड़कियों से संबंध बनाने के लिए भी खरीदा जाता है। हैरानी की बात तो ये है कि लड़की के माता पिता खुद इन्हें बुलाते हैं। इसके बाद बेटी से संबंध बनाने के लिए पुरुषों को बकायदा फीस भी दी जाती है। ये एक ऐसी परंपरा है, जिसमें लड़कियों को शादी से पहले ऐसे मर्दों के साथ सोने पर मजबूर किया जाता है, जिन्हें वो जानती तक नहीं हैं।
आखिर ये कैसा रिवाज है ?
यहां का रिवाज है कि लड़कियों को पहले मेन्सुरेशन के बाद इस परंपरा को निभाना होता है। इस वजह से इन मुल्कों में एड्स जैसी भयकंर बीमारी ने जन्म लिया। महिला और पुरुष में से जो भी पॉजीटिव होगा, उससे ये बीमारी दूसरे तक फैल जाती है। काफी वक्त बाद इन मुल्कों की महिलाएं परंपरा के विरोध में उतर आई हैं। हालांकि कुछ रिमोट इलाकों में ये परंपरा अभी भी जारी है।
परंपरा के खिलाफ उठी आवाज
मलावी की थेरेसा काचिनदामोतो नाम की महिला ने इस परंपरा के विरोध में अपनी आवाज उठाई है। उन्होंने बाकी इलाकों के लोगों से इस परंपरा को बंद करने की अपील की है। लेकिन अब इस परंपरा को धीरे धीरे बदला जा रहा है। अब लड़कियों को मेन्सुरेशन से पहले तेल से अभिषेक किया जाता है। बताया जाता है कि इन मुल्कों में से ही एक एचआईवी पॉजिटिव की वजह से 100 से ज्यादा लोग एचआईवी पॉजिटिव हो गए थे।
एक शख्स को गिरफ्तार किया गया
इस मामले में 45 साल के एरिक को अरेस्ट किया गया था, जो एचआईवी जैसी महामारी लोगों तक पहुंचा रहा था। कुल मिलाकर कहें तो ये बीमारी लोगों के लिए काफी खतरनाक साबित हो रही है। अभी तो हमने सिर्फ साउथ अफ्रीका की कुछ जगहों की जानकारी आपको दी है। लेकिन ये भी सच है कि इसके अलावा भी दुनिया के कई मुल्क इस भयंकर बीमारी से जूझ रहे हैं।