दिवाली और वास्तु का विशेष महत्व है । क्योंकि दिवाली का संबंध लक्ष्मी जी से है और लक्ष्मी जी का अर्थ से इसलिए दिवाली तक कुछ बातों का खास ख्याल रखने की सलाह दी गई है ।
हिंदुओं के सबसे बड़े त्यौहार दिवाली की रौनक बाजारों में दिखने लगी है । तरह-तरह की रोशनी के सामान, मिठाईयां, नए कपड़ों की शॉपिंग आपने शुरू कर ही दी होगी । आज हम आपको बताने वाले हैं कुछ ऐसी सावधानियों के बारे में जो आपको दिवाली तक जरूर रखनी चाहिए । इन बातों को ध्यान में रखकर आप अपनी कई समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं । जानिए उन वास्तु टिप्स के बारे में जो आपको दिवाली से पहले जरूर अपनानी चाहिए ।
सौभाग्य और रौशनी का पर्व है दिवाली
दिवाली त्यौहार है खुशियों का, रंग बिरंगी रौशनी का । इस दिन घरों में दीपक जलाए जाने की परंपरा है । दिवाली के दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास पूरा कर सीता माता और भैया लक्ष्मण के साथ घर लौटे थे । इस खुशी में नगर वासियों ने घी के दीपक जलाए थे । अमावस्या की वो काली अंधेरी रात लाखों दीपकों की रौशनी से जगमगा उठी थी ।
दिवाली से पहले अपनाएं 5 वास्तु टिप्स
वास्तु शास्त्र के अनुसार कई ऐसी बातें हैं जिनका ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है । व्यक्ति की ओर से अनजाने में हुई इस एक गलती से सौभाग्य भी दुर्भाग्य में बदल जाता है । ऐसे में कुछ वास्तु टिप्स को अपनाकर इस दिवाली आप अपने दुर्भाग्य को दूर कर सकते हैं और अपने पारिवारिक जीवन में खुशियों का स्वागत कर सकते हैं । आगे जानें 5 वास्तु टिप्स इस दिवाली के लिए ।
काले कपड़े से करें परहेज
दिवाली सौभाग्य का प्रतीक है, इस उत्सव से पहले काले रंग के कपड़े बिलकुल ना पहनें । त्यौहारों के इस सीजन में सौभाग्य या शुभता लाने वाले रंग पहनें । ऐसे रंग जीवन में खुशियां और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आते हैं वहीं काला रंग नेगेटिविटी लाता है । आपको तय करना है आप जीवन में शुभता चाहते हैं या फिर नकारात्मकता ।
मेन गेट और दरवाजे पर बनाएं रोली से स्वास्तिक
हिंदु शास्त्रों, पुराणों में स्वास्तिक के चिन्ह को लक्ष्मी और श्री गणेश जी का प्रतीक माना जाता है । स्वास्तिक शब्द संस्कृत के दो शब्दो सु और अस्ति से मिलकर बना है । इन दोनों शब्दों का अर्थ होता है शुभ या मंगल । ये एक चिन्ह आपको धन, धान्य, परिवार और सेहत से जुड़ी कई परेशानियों से छुटकारा दिला सकता है ।
हर धर्म में है स्वास्तिक का महत्व
स्वास्तिक के इस चिन्ह की महत्ता हर धर्म में कही गई है । अलग – अलग देशों में इसे अलग – अलग नामों से पुकारा जाता है । कई हजार साल पहले की सभ्यताओं में से एक सिंधु घाटी सभ्यता में भी इसके निशान मिले हैं । दिवाली तक या इसके बाद भी अपने घर के मुख्य दरवाजे और पूजा स्थल में रोली का स्वास्तिक जरूर बनाएं ।
नमक मिले पानी से लगाएं पोछा
वास्तु शास्त्र के अनुसार नमक दरिद्रता दूर करता है । इसे दूर करने का उपाय है समुद्री नमक । दिवाली तक आप अपने घर में समुद्री नमक मिले पानी से पोछा लगाएंगे तो घर की नेगेटिव एनर्जी कम होगी । आप नमक का एक और उपाय कर सकते हैं, एक कांच की कटोरी में समुद्री नमक डालकर घर के किसी दरवाजे के पीछे रख दें । ऐसा करने से नेगेटिव एनर्जी दूर हो जाएगी ।
साफ-सफाई जरूर करें
दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है । देवी लक्ष्मी धन की देवी कही जाती हैं । मान्यता है कि लक्ष्मी कभी उस घर में नही जातीं जहां साफ-सफाई ना हो । वास्तु भी ऐसा ही कहता है । इसीलिए दिवाली पर घर की साफ-सफाई की जाती है । दिवाली के दिन घर के दरवाजे भी बंद नहीं करने चाहें । कहते हैं देर रात लक्ष्मी अपने भक्तों के घर आती हैं और उन्हें आशीर्वाद देती हैं ।
धनतेरस के दिन करें मूर्ति स्थापना
दिवाली के दिन मंदिर में लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति स्थापित की जाती है । बाजार से लोग मिट्टी की मूर्तियां लाकर उन्हें छोटी दिवाली पर स्थापित करते हैं । लेकिन मूर्तियों की स्थापना धनतेरस के दिन ही करनी चाहिए । लक्ष्मी जी के दाहिने ओर गणेश जी की मूर्ति की स्थापना की जानी चाहिए । ऐसा करने से घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती ।