आपके हाथ से कई बार चीजें टूटती होंगी, खासकर शीशे का सामान, क्या आपके कभी सोचा कि ये महज दुर्घटनावश होता है या फिर किसी अपशगुन की आहट ।
New Delhi, Nov 28 : आईना कह लीजिए या फिर शीशा , अपना अक्स देखने के लिए हम इसका इस्तेमाल करते हैं । शीशे से कई तरह की दूसरी चीजें भी बनती हैं । कांच का ये सामान बेहद नाजुक होता है, इसे खास देखभाल की जरूरत भी होती है । लेकिन कई बार हमसे कांच का ये सामान टूट जाता है, गलती से हाथ से स्लिप हो जाता है या फिर किसी दूसरी वजह से टूट कर बिखर जाता है । टूटा हुआ कांच जोड़ा भी नहीं जा सकता । क्या आप जानते हैं ऐसा होना अपशगुन कहलाता है ।
7 साल का दुर्भाग्य लाता है शीशे का टूटना
प्राचीन समय में कहा जाता था कि कांच का टूटना दुभाग्य लेकर आता है । पूरे 7 वर्ष तक मनुष्य को इसका सामना करना पड़ता है । ऐसी मान्यता है कि कांच में आत्मा को कैद करने की शक्ति होती हे, यही कांच जब टूट जाता है तो उसमें उस व्यक्ति की आत्मा अंश रह जाता है । रोमन सभ्यता में कांच के अंदर दिखने वाले अक्स को उस व्यकित की आतमा बताया जाता है ।
दुर्भाग्य, अंधविश्वास है या फिर कोई तर्क ?
7 साल के दुर्भाग्य की बात कहकर रोमन लोग शीशे को संभालकर रखने की आदत विकसित करना चाहते थे । दरअसल शीशा बनाना कोई आसान प्रक्रिया नहीं है, जब इसे शुरुआत में तैयार किया गया तो ये बहुत ही कीमती चीज थी । लोग इन्हें सेहजने, संभालकर रखने की सलाह देते थे । कांच टूटने पर अगर घाव होता है तो वो काफी परेशान करता था, इसलिए लोगों को दुर्भाग्य की बात कहकर शीशे के साथ सावधानी से काम करने को कहा गया ।
वास्तु में ये कहा गया है
वास्तु शास्त्र में कांच का टूटना अशुभ माना गया है । वास्तु के अनुसार कांच टूटने का अर्थ घर के किसी बड़े कष्ट को जैसे उस दर्पण ने अपने ऊपर ले लिया हो । घर में कांच की कोई भी वस्तु टूट जाए तो उसे घर पर नहीं रखना चाहिए । उसे फौरन बाहर फेंक देना चाहिए । इसे घर पर रखना शुभ नहीं माना जाता । अपने घर में नुकीली आकृति का और धुंधला दिखने वाला या गंदा कांच भी नहीं रखना चाहिए।
सुबह उठते ही आईना ना देखें
वास्तु शास्त्र में सुबह उठते ही अपना चेहरा आईने में देखने की मनाही है । ऐसा करना आपकी दिनचर्या पर बुरा असर डालता है । वास्तु के अनुसार मनुष्य जब सुबह उठता है तो वो नकारात्मक ऊर्जाओं के प्रभाव में रहता है । ऐसे में सुबह उठते ही खुद को आईने में देखना सीधा हम पर असर करता है । पूरे दिन को बेहतर बनाना चाहते हैं तो ऐसा ना करें ।
घर पर यहाँ लगाएं शीशा
आईने को लेकर सब बातें अशुभ ही नहीं है । दर्पण या आइना लगाने की सही जगह जानकर आप इससे सफलता भी प्राप्त कर सकते हैं । वास्तु के अनुसार दर्पण हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा की दीवार पर लगाना शुभ होता है । घर के अंदर नुकीले और तेजधार वाले दर्पण नहीं लगाने चाहिये । ये हानिकारक होते हैं इनसे चोट आदि लगने का खतरा बना रहता है ।
यहां लगा है शीशा तो फौरन हटा दें
आपके घर या दफ्तर में दक्षिण, पश्चिम, आग्नेय, वायव्य एवं नैऋत्य दिशा की दीवारों पर अगर शीशे लगे हैं तो उन्हें हटा दें । ये तरक्की में बाधक होते हैं । अगर आपके बेडरूम में बिस्तर के सामने ही दर्पण लगा हुआ है तो उसे हटा दें । सोते हुए पति-पत्नी की छवि दर्पण में दिखना शुभ नहीं माना जाता, इससे सेहत से जुड़ी समस्या होती है ।
वैवाहिक संबंध में तनाव
अगर आपके बिस्तर के ठीक सामने शीशा लगा है तो आपके दांपत्य जीवन में तूफान का कारण बन सकता है । पति-पत्नी के बीच किसी तीसरे के आने की संभावना हो सकती है । ऐसे शीशे को हटाना ही सही रहता हे । अगर आप आईने को कमरे से हटा नहीं सकते तो उसे ढककर रखें । जब जरूरत हो तब उसका कवर हटाकर इस्तेमाल करें ।
आलमारी के अंदर लगाएं दर्पण
हमारे घरों में शीशे को लेकर हम एक बड़ी गलती करते हैं । ज्यादातर घरों में आलमारी के दरवाजों पर शीशे लगे होते हैं । ये सही नहीं है । वास्तु शास्त्र के अनुसार दर्पण आलमारी के बाहर नहीं बल्कि अंदर वाले हिस्से पर लगाना चाहिए । पति-पत्नी की सोती हुई छवि अगर आईने में दिखती है तो ये उनके तलाक का कारण बन सकती है । घरों में शीशे का इस्तेमाल संभलकर और जानकारी के साथ करें ।