भारतीय युवाओं में लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर क्रेज बढ़ता ही जा रहा है, सिंगल लड़का-लड़की साथ में मूव इन तो करते हैं लेकिन रिश्ता खत्म होने पर मूव ऑन करना मुश्किल हो जाता है ।
New Delhi, Oct 23 : लिव-इन रिलेशनशिप, पश्चिमी सभ्यता की तर्ज पर शादी से पहले साथ रहने का ये कल्चर भारत के लिए अब कोई नई बात नहीं । शहरों में, महानगरों में ऐसे कई जोड़े हैं जो साथ में रहते हैं और परिवार को भनक तक नहीं लगने देते । लेकिन ऐसे रिश्ते क्या कभी अपने मुकाम तक पहुंचते हैं, क्या इन रिश्तों के कोई मायने होते हैं । क्या रिश्ता रखने के बाद अलग होने वाली लड़की या लड़का भावनाओं पर काबू पाने में सफल रहते हैं । क्या हैं इस रिश्ते के वो 8 नुकसान जिन्हें हर लिव-इन की बात सोचने वाले कपल को जरूर जानना चाहिए । आगे आपको बताते हैं ।
शादी के बंधन से दूर एक नो बाउंडेशन रिलेशनशिप
लड़का या लड़की जब एक दूसरें को पसंद करते हैं और बिना शादी किए एक साथ रहने लगते हैं तो इस रिश्ते को लिव-इन रिलेशनशिप कहते हैं । यानी सारे बंधनों से दूर एक ऐसा रिश्ता जहां आप किसी बात के लिए जवाबदेह नहीं हो । आपको आजादी है अपने हिसाब से जीने की, एक दूसरे को रोके टोके बिना उसके साथ रहने की ।
साथ रहने का न्यू कॉन्सेप्ट
वेस्टर्न कल्चर से प्रभावित आजकल के युवा शादी को बंधन मानते हैं तो वहीं लिव-इन रिलेशनशिप उनके लिए मॉर्डन कॉन्सेप्ट है । जिसमें उन्हें ना तो किसी की जिम्मेदारी उठानी है, ना तो परिवार की कोई चिंता और ना ही समाज का कोई दबाव । लेकिन इस नए कॉन्सेप्ट में दम कितना है । रिश्तों के जानकार इस रिश्ते को टाइम पास रिश्ता बताते हैं, जो कुछ समय तक च्विंगम की तरह मीठा और फिर फीका होने लगता है ।
नो फ्यूचर प्लानिंग
जब रिश्ते में कोई बंधन नहीं तो भविष्य के बारे में क्या सोचना । क्या आप भी ऐसे किसी रिश्ते में हैं जिसके भविष्य को लेकर आपकी कोई प्लानिंग नहीं है । जरा सोचिए अगर भविष्य ही नहीं है तो आप ऐसे रिश्ते में क्यों हैं । आपकी जिंदगी से जुड़ी ये एक ऐसी बात है जो आप अपने मां-बाप यहां तक की कई बार दोस्तों से भी शेयर नहीं किया जा सकता । बिना भविष्य के ऐसे कमजोर रिश्ते में जाने की सोचना भी सही नहीं है ।
कमिटमेंट से भागता एक रिश्ता
उन रिश्तों के कोई मायने नहीं होते जो कमिटमेंट से दूर भागते हैं । ऐसे कपल्स पर हुई स्टडी बताती है कि ऐसे टाइम पास रिलेशनशिप में रहने वाले लोग इस्केप टेंडेंसी के शिकार हो जाते हैं । वो किसी भी परेशानी का मजबूती से सामना नहीं कर पाते । इन रिश्तों के टूटने के बाद दूसरे रिश्तों में भी उन्हें जिम्मेदारी से अच्छा भागना लगता है । ऐसे रिश्ते टेम्परेरी होते हैं इसलिए इनमें सीरियसनेस ना ही रखें ।
इमोशनल क्यों हो जाते हैं आप ?
अगर आप ऐसे किसी रिश्ते में हैं तो पहले से ही खुद को स्ट्रॉन्ग कर लें । किसी भी एक के इस रिश्ते से बाहर निकलने पर दूसरे को तकलीफ नहीं होनी चाहिए । अपनी भावनाओं को संभालकर रखें, साथी के आपको छोड़ने की सूरत में परेशान ना हो । क्योंकि ये रिश्ता समाज की नजर में कभी था ही नहीं इसलिए आपकी भावनाओं का उमड़ना भी बेकार है । ये जानबूझकर की गई गलती से अलग कुछ भी नहीं ।
सीक्रेट्स शेयर ना करें
ऐसे टाइम पास रिलेशन में एक दूसरे की पर्सनल बातों को भी शेयर ना करें । कही ऐसा ना हो ऐसी बाते आपके लिए भविष्य में टॉर्चर बन जाए । पार्टनर के साथ ऐसी तस्वीरें ना ले जिनका भविष्य में कोई बेजा इस्तेमाल ना हो । शारीरिक संबंधों के दौरान भी बहुत केयरफुल रहें । ऐसे मामलों में लड़कियों को सलाह दी जाती है कि वो बेहद सतर्क रहें । क्योंकि आप इस रिश्ते में अपनी मर्जी से हैं इसलिए कल आप जवाब देने लायक भी नहीं रहेंगी ।
संबंधों के दौरान सुरक्षा हटी तो दुर्घटना घटी
सुरक्षा, इस बात का आपको ख्याल रखना होगा । बिना सेफ्टी शारीरिक संबंध बनाना आपकी पसंद है, इसलिए हाईजीन और सेफ्टी का पूरा ख्याल रखें । लिव-इन रिलेशनशिप कोई खेल नहीं हे, आग से खेलने जैसा है ये बिना शादी का रिश्ता । थोड़ा भी इधर-उधर हुआ तो ये टाइम पास, मौज मस्ती आपके लिए मुसीबत बन सकता है । खास तौर पर लड़कियों के साथ ऐसे रिश्तों में कई धोखे हाते हैं ।
कहीं सुर्खियां ना बन जाएं आप ?
आए दिन अखबारों में ऐसी खबरें आती ही रहती हैं कि प्रेम संबंधों के चक्कर में एक लड़की ने दे दी अपनी जान । संबंध बनाकर लड़की को छोड़कर भागा प्रेमी । 7 साल साथ रहने के बाद भी नहीं मिला शादी का दर्जा । 7वीं मंजिल से कूदकर यूवक ने दी जान । ऐसे कई मामले लिव-इन रिश्तों के ही नतीजे बनकर सामने आते हैं । रिश्ता टूटने पर हताश युवा मौत को गले लगाना बेहतर समझते हैं । लेकिन ऐसी कायरता ना करें, पहले से ही सोच समझकर काम करें ।