बीते 4 दिसंबर को देर शाम दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिये टीम इंडिया का ऐलान किया गया, इस टीम के सलेक्शन पर कोई हैरानी या विवाद नहीं है।
New Delhi, Dec 09 : टीम इंडिया ने श्रीलंका को तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 से हरा दिया है, हालांकि समीक्षकों के अनुसार श्रीलंकाई टीम ने बेहतरीन खेल दिखाया, आपको बता दें कि विराट की टीम के सामने श्रीलंकाई टीम बिल्कुल युवा और अनुभवहीन है, ऐसे में भारतीय जमीन पर उन्होने इतना भी संघर्ष कर लिया, उसकी खूब तारीफ हो रही है, बीते 4 दिसंबर को देर शाम दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिये टीम इंडिया का ऐलान किया गया, इस टीम के सलेक्शन पर कोई हैरानी या विवाद नहीं है, लेकिन बीसीसीआई सचिव अमिताभ चौधरी से सवाल पूछा गया कि क्या इस बात की संभावना है कि टीम इंडिया के टेस्ट खिलाड़ी तय कार्यक्रम से एक ये दो सप्ताह पहले वहां पहुंच जाएंगे। इस पर अमिताभ चौधरी ने साफतौर से ना कहा।
टीम इंडिया के लिये परेशानी
दरअसल यही बात टीम इंडिया के लिये परेशानी का सबब बन सकती है, भारतीय क्रिकेट में ऐसे बहुत कम मौके आए, जब कोई कप्तान प्रेस कांफ्रेस में बीसीसीआई की आलोचना करे, अफ्रीकी परिस्थितियों को अनुसार वो खुद को ढालना चाहते थे, लेकिन इसके लिये उनके पास पर्याप्त समय ही नहीं है। दरअसल विराट के अनुसार अहम विदेशी दौरों के लिये सही तैयारी करना टीम इंडिया के लिये काफी अहम हो गया था, विराट चाहते थे कि इस दौरे से पहले उन्हें थोड़ा समय दिया जाए।
बार-बार श्रीलंका से क्रिकेट क्यों ?
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी ने भी बीसीसीआई पर सवाल उठाया, उन्होने कहा कि मुझे ये समझ नहीं आता कि ये बार-बार श्रीलंका से क्यों क्रिकेट खेलने लग जाते हैं, अभी कुछ महीने पहले ही ये उनको उन्हीं की जमीन पर पटकनी देकर लौटे हैं, फिर दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले कमजोर विरोधी से भिड़ना कितना सही है, मेरे अनुसार तो एक कड़े दौरे के लिये ये सही तैयारी नहीं है।
कोहली ने उठाया देर से मुद्दा
सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या कप्तान विराट कोहली ने ये मुद्दा देर से उठाया, टीम इंडिया को दक्षिण अफ्रीका दौरे पर जाना है, ये बात को कई महीने पहले से हर किसी को पता था, क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका चाहता था कि टीम इंडिया दिसंबर के दूसरे सप्ताह में अफ्रीका पहुंच जाए और 26 दिसंबर को मशहूर बॉक्सिंग डे टेस्ट में हिस्सा ले, लेकिन श्रीलंका से सीरीज होने की वजह से अफ्रीका दौरे में परिवर्तन किया गया, 4 टेस्ट मैचों की बजाय 3 टेस्ट किये गये, फिर 5 वनडे की जगह 6 वनडे खेलने पर फैसला लिया गया।
टीम मैनेजमेंट से चूक
विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री ने कई मौकों पर कहा है कि उनकी प्राथमिकता विदेश में टेस्ट सीरीज जीतना है, लेकिन जब दक्षिण अफ्रीका दौरे से ठीक पहले श्रीलंका के साथ सीरीज फिक्स कर ली गई, तो टीम मैनेजमेंट ने भी बीसीसीआई से इसे बदलने को कह सकता था, लेकिन टीम मैनेजमेंट ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया।
2013 में धोनी ने जताई थी लाचारगी
इतिहास खुद को दोहराता है, बहुत लोग अपनी गलतियों से सबक सीखते हैं, उदाहरण के तौर पर दक्षिण अफ्रीका का पिछला दौरा ही ले लें, साल 2013 में धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया वहां गई थी, जब माही से शेड्यूल को लेकर सवाल किया गया था तो उन्होने लाचारगी जताते हुए कहा था कि वो क्या कर सकते हैं, जब उनकी टीम को खेलना ही है, हालांकि उस दौरे की अच्छी बात ये थी कि तब वन डे और टी-20 के बाद टेस्ट मैच खेलने थे, जिससे खिलाड़ियों को अभ्यस्त होने का मौका मिल गया था, हालांकि तब भी भारतीय टीम सीरीज हारी थी।
गैरी कर्स्टन ने बनाई थी रणनीति
साल 2010-11 में टीम इंडिया के कोच गैरी कर्स्टन थे, आपको बता दें कि गैरी दक्षिण अफ्रीका के ही थे, उन्होने तब कप्तान धोनी और सीनियर खिलाड़ियों को लेकर जबरदस्त रणनीति बनाई थी, उस समय वो टेस्ट टीम के खिलाड़ियों के साथ दौरे से 10 दिन पहले ही पहुंच गये थे, फिर वहां उन्होने कैंप लगाया, एकेडमी के खिलाड़ियों के साथ भरपूर अभ्यास किया, नतीजा ये रहा कि पहली बार टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका की धरती से सीरीज 1-1 से बराबर कर लौटी। वो तो अफ्रीकी टीम की किस्मत अच्छी थी कि वो आखिरी टेस्ट में हार टालने में कामयाब रही, नहीं तो ये आंकड़े 2-1 की होती।
टेस्ट खिलाड़ियों को परेशानी
टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने कहा कि श्रीलंका सीरीज के बावजूद स्थिति को संभाला जा सकता था, पहले एकदिवसीय, फिर टी-20 और बाद में टेस्ट मैच होते, तो शायद अफ्रीका दौरे से ठीक पहले खिलाड़ी वॉर्मअप के साथ-साथ फिटनेस की लय में भी होते। लेकिन अब एक महीने तक टेस्ट के स्पेशलिस्ट खिलाड़ी आराम करेंगे, ऐसे में उनके लिये अफ्रीका की पिचों पर मुश्किल होगा।
इंग्लैंड टीम 26 दिन पहले पहुंची
बीसीसीआई को इंग्लैंड टीम से सीख लेनी चाहिये, इंग्लैंड के लिये एशेज सीरीज प्रतिष्ठा का सवाल है, वो सब कुछ त्याग कर ऑस्ट्रेलिया 26 दिन पहले ही पहुंच गई, ब्रिसबेन में पहला टेस्ट खेलने से पहले उन्होने तीन अभ्यास मैच खेले, इंग्लैंड की टीम अगर एशेज हार भी जाती है, तो भी उन्हें इस बात का मलाल तो नहीं रहेगा कि उनकी तरफ से तैयारी में कोई कमी रही।