सर्दियों के मौसम में दिल्ली एनसीआर में मॉर्निंग वॉक खतरनाक साबित हो सकती है। स्मॉग के कारण कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे में क्या करें
New Delhi, Nov 06: सुबह की सैर को सेहत के लिए बहुत जरूरी माना गया है। स्वस्थ शरीर के लिए सुबह खुली हवा में टहलना काफी अच्छा माना जाता है। डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि सुबह प्रदूषण का स्तर काफी कम रहता है इसलिए मॉर्निंग वॉक करनी चाहिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सर्दियों के मौसम में दिल्ली एनसीआर में सुबह की सैर सेहत पर भारी पड़ सकती है। दरअसल सर्दियां शुरू होने के साथ ही स्मॉग की समस्या होने लगती है। प्रदूषण और स्मॉग के कारण सुबह की सैर आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है। बता दें कि रोजाना डेढ़ सौ से ज्यादा मरीज स्मॉग के कारण अस्पताल आ रहे हैं। इसलिए सुबह सैर पर जाना जरूरी है तो कुछ उपाय अपना सकते हैं।
क्या होता है स्मॉग
पहले हम आपको ये बता देते हैं खतरनाक साबित होने वाला स्मॉग होता क्या है। खतरनाक गैसों और कोहरे के मिश्रण से स्मॉग बनता है। गाड़ियों और फैक्टरियों से निकले धुएं में मौजूद राख, सल्फर, नाइट्रोजन, कार्बन डाई ऑक्साइड और दूसरी खतरनाक गैसें जब कोहरे के संपर्क में आती हैं तो स्मॉग बनता है। इसका असर कई दिनों तक रहता है। तेज हवा या फिर बारिश से स्मॉग जल्दी खत्म हो जाता है।
स्मॉग के कारण परेशानियां
अब ये भी जान लीजिए कि आखिर स्मॉग को इतना खतरनाक क्यों माना जाता है। इस से क्या क्या समस्याएं हो सकती हैं। स्मॉग के कारण खांसी, ब्रॉन्काइटिस, दिल की बीमारी, त्वचा संबंधी रोग, बाल झड़ना, आंखों में जलन, नाक, कान और गले फेफड़े में इंफेक्शन हो सकता है। ब्लड प्रेशर के मरीजों को ब्रेन स्ट्रोक की समस्या हो सकती है। इसके अलावा दमा के रोगियों को अटैक पड़ सकता है
मॉर्निंग वॉक बंद कर दें
स्मॉग के समय में सुबह की सैर पर जाना बंद कर देना चाहिए। अगर ऐसा संभव न हो तो धूप निकलने के बाद ही घर से निकलें। कसरत जैसे हर उस काम को रोक दें, जिसमें तेजी से सांस लेना पड़ता है। इसके अलावा घर का एसी तभी चलाएं, जब उसमें फिल्टर लगा हो। एसी को केवल फैन मोड पर भूल कर न चलाएं बाहर की हवा को घर में आने से रोकने के उपाय करें। गैस चूल्हे, अगरबत्ती और मोमबत्ती के पास न बैठें
मास्क पहन कर करें मॉर्निंग वॉक
अगर आप सुबह की सैर पर जाने के आदी हैं, और इस आदत को बदलना नहीं चाहते हैं तो आप मास्क पहन कर सुबह की सैर पर जा सकता है। मास्क लेने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें। मास्क ऐसे मटीरियल से बना हो जो पीएम 2.5 कणों को रोकने में सक्षम हो, N-95 या फिर P-100 रेस्पीरेटर मास्क पहनकर ही बाहर निकलें इस से आप स्मॉग के कहर से बच सकते हैं।
बच्चों का खास ध्यान रखें
सर्दियों में जब स्मॉग का असर शुरू होता है तो उस समय बच्चों का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। बच्चों के लिए भी मास्क लें, ध्यान रखें कि मास्क फिटिंग का हो, उसमें गैप ना हो, इसके साथ ही ये बात भी ध्यान रखिए कि हरे या नीले रंग वाला क्लीनिकल मास्क स्मॉग में फायदेमंद साबित नहीं होता है। अगर सांस लेने में परेशानी हो रही है तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही मास्क लें।
खानपान का भी रखें ध्यान
स्मॉग के कारण जहां शरीर को कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। वहीं सर्दियों के मौसम में खान पान पर भी विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। इस मौसम में ज्यादा से ज्यादा सब्जियों और फलों का सेवन करना चाहिए। सुबह के नाश्ते में फल, गोभी या बथुआ के पराठों के साथ टमाटर का सूप ले सकते हैं। इससे शरीर गर्म रहता है। साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा करें।
बिना बीमार हुए सर्दियों का आनंद लें
स्मॉग की समस्या दिल्ली एनसीआर में हर साल होती है, खास तौर पर दीवाली के बाद सर्दियां शुरू होने के साथ ही स्मॉग का कहर शुरू हो जाता है। ऐसे में ऊपर बताए उपायों को आजमा कर आप बिना बीमार हुए सर्दियों का आनंद ले सकते हैं। सर्दियों में परिवार के हर सदस्य का एक बार मेडिकल चेकअप जरूर करवाएं। इस से पता चल जाता है कि किस पर ज्यादा ध्यान देना है।