पूरे उत्तर भारत पर स्मॉग का काला साया मंडरा रहा है । आप कैसे इस जानलेवा Smog से खुद को और अपने आस-पड़ोस को बचा सकते हैं आगे जानिए ।
New Delhi, Nov 10 : पूरा दिल्ली-एनसीआर घने Smog की चपेट में है । राजधानी दिल्ली में तो प्रदूषण रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है । हवा में जहरीले तत्व घुल गए हैं जो कब तक छटेंगे कहा नहीं जा सकता । लेकिन ऐसे वातावरण में भी रोजमर्रा के काम करने जरूरी ही हैं । घर से बाहर भी निकलना है और काम पर भी जाना हैं । ऐसे में कैसे हम अपना और अपनों का ख्याल रख सकते हैं, अगर आपके मन में भी ये सवाल आ रहा है तो आगे पढ़ें और अपनी सेहत की केयर करें ।
Smog क्या होता है ?
स्मॉग धुएं और कुहासे या ओस का मिश्रण होता है । ये शब्द अंग्रेजी के दो शब्दों Smoke और Fog को मिलकाकर बनाया गया है । सर्दियों में वातारण में नमी बढ़ने लगती है, जिससे ओस बनती है । इसी नमी में जब हवा में मौजूद पॉल्यूशन के कण मिल जाते हैं तो ये बेहद जानलेवा हो जाता है । स्मॉग पॉल्यूशन से भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इसमें हानिकारक तत्व मिले होते हैं ।
जानलेवा है Smog
स्मॉग में बड़ी मात्रा में नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और ओजोन गैस के अलावा हानिकारक कम्पाउण्ड होते हैं। ये सभी हमारी श्वसन प्रक्रिया के द्वारा लंग्स में पहुंचते हैं और शरीर को भारी नुकसान पहुंचाते हैं । वायुमंडल में ओजोन गैस का काम सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावॉयलट किरणों को धरती पर आने से रोकना है लेकिन स्मॉग के समय ये गैस हवा में घुलकर जानलेवा हो जाती है ।
Smog पैदा होने की मुख्य वजहें
इस मौसम में नमी होने के कारण स्मॉग बढ़ने लगता है । वाहनों, फैक्ट्री के धुएं,फसलों के भूसे को जलाया जाना ये सब स्मॉग के सबसे बड़े कारण हैं । शहरों में पेड़ों की कटाई, जलते हुए कूड़े के ढेर, कंस्ट्रकशन वर्क ये सभी स्मॉग के कारण हैं । इन दिनों दिल्ल्ी एनसीआर में तेजी से हाईवे निर्माण का कार्य हो रहा है । सड़कों पर उड़ती मिट्टी भी प्रदूषण को दूषित करने में कमी नहीं छोड़ रही ।
Smog से हो सकती है कई प्रॉब्लम्स
ठंड में फैलने वाला स्मॉग कई तरह की बीमारियां लेकर आता है । ये छोटे बच्चों के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक है । इससे होने वाली परेशानियों में सांस की तकलीफ, ब्लड में ऑक्सीजन की कमी, चेस्ट कंजेशन, सर्दी-खांसी, हार्ट डिजीज, अस्थमा, ब्रेन स्ट्रोक, गले की खराश, आंखों में जलन और स्किन एलर्जी प्रमुख है ।
रखें सावधानी
Smog से बचने का एक ही उपाय है आप इसे लेकर कितने सावधान हैं । 10 साल से छोटे बच्चों को सुबह और शाम खुले में ना जाने दें । नवजात शिशुओं को घर के अंदर ही रखें । बुजुर्गों के कमरे में सही वेंटिलेशन हो इसका ध्यान रखें । सुबह सवेरे जॉगिंग जाने की बजाय दोपहर में 4 से 5 के बीच सैर करें । दोपहर के समय स्मॉग का असर थोड़ा कम हो जाता है ।
खान-पान का रखें पूरा ध्यान
पॉल्यूशन आपको अंदर से बीमार ना कर दे इसके लिए अपने भोजन पर खास ध्यान दें । इस समय विटामिन सी युक्त फलों को खूब खाएं । ओमेगा 3 फैटी एसिड्स युक्त अखरोट का सेवन करें । मैग्नीशियम युक्त काजू खाएं । तुलसी और अदरक का सेवन जितना हो सकता है करें । इस तरह के खाद्य पदार्थ Smog के खतरे को काफी हद तक कम करते हैं और इसके साइड इफेक्ट से बचाते हैं ।
साफ होगी घर की हवा
यूं तो आजकल बाजारों में एयर प्यूरीफायर आसानी से उपलब्ध हो गए हैं लेकिन प्राचीन काल में कुछ पौधों को इस्तेमाल हवा को साफ करने के लिए किया जाता था । हवा को शुद्ध रखने वाले ये पौधे हैं तुलसी, एलोवेरा, गेंदा, कढ़ी पत्ता, चमेली, लैवेंडर और अनार । अपने घर में इन पौधों को लगाइए और फ्री में शुद्ध हवा का लाभ उठाइए । एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल तब करें जब आपके घर और कार्यस्थल दोनों जगहों पर ये लगा हो ।