माणिक ईरानी के मौत की वजह एक्सीडेंट से हुई या उन्होने सुसाइड किया । बॉलीवुड के बिल्ला का ये राज कोई नहीं जानता ।
New Delhi, Oct 17 : बिल्ला नाम से मशहूर इस एक्टर का असल जिंदगी का नाम माणिक ईरानी था । माणिक एक दौर में बॉलीवुड फिल्मों के सबसे मशहूर विलेन हुआ करते थे । मेन लीड में कम नजर आए लेकिन विलेन के साइड किरदारों में माणिक नजर आ ही जाते थे । कई फिल्मों में माणिक के बोले डायलॉग आज भी याद किए जाते हैं । माणिक ईरानी एक दिन अचानक इस दुनिया में नहीं रहे किसी ने इस मौत को दुर्घटना बताया तो किसी ने सुसाइड । बॉलीवुड में 100 से ज्यादा फिल्में करने वाले माणिक ईरानी के बारे में जानिए ये बातें ।
कौन है माणिक ईरानी
बॉलीवुड में 80 और 90 का दशक विलेन के नाम रहा है । फिल्मों में हीरो का रोल मजबूत होता था तो विलेन का रोल और भी खूंखार । दर्शक हीरो के डायलॉग पर सीटी बजाते थे तो विलेन के डायलॉग पर जमकर हंगामा करते थे । ऐसे ही दौर में माणिक ईरानी नाम के इस एक्टर ने साइड विलेन के रूप में अपनी पहचान बनाई । छोटे लेकिन स्क्रीन पर दमदार उपस्थिति दर्ज कराकर ये आज भी याद किए जाते हैं ।
‘कालीचरण’ में गूंगे का रोल
1976 में आई सुभाष घई की फिल्म कालीचरण में माणिक ने एक गूंगे हत्यारे का किरदार निभाया था । यह रोल दर्शकों को इतना पसंद आया कि उन्हें अगली फिल्म नटवर लाल में भी गूंगे का ही किरदार मिला । इसके बाद की दो से तीन फिल्मों में माणिक महज लड़ते भिड़ते ही नजर आए । असली पहचान उन्हें सुभाष घई की हीरो फिल्म से मिली ।
कैसे पड़ा ‘बिल्ला’ नाम
फिल्मी दुनिया का जाना पहचाना नाम बन चुके माणिक को बिल्ला नाम कैसे मिला ये भी एक फिल्म की ही देन है । दरअसल, माणिक को डायरेक्टर सुभाष घई ने अपनी फिल्म ‘हीरो’ में लिया था और इसी फिल्म में उनके किरदार का नाम बिल्ला था । 1983 में रिलीज हुई ये फिल्म सुपर डुपर हिट रही थी । फिल्म में जैकी श्रॉफ, मीनाक्षी शेषाद्रि, शम्मी कपूर, संजीव कुमार, शक्ति कपूर और मदन पुरी का भी अहम रोल था।
फिल्म ‘डॉन’ में अमिताभ बच्चन के बॉडी डबल बने
1978 में आई फिल्म ‘डॉन’ कितनी पॉपुलर हुई थी ये बताने की जरूरत नहीं । डायरेक्टर चंद्रा बारोट की इस फिल्म में अमिताभ ने गजब का एक्शन किया था । कहा जाता है कि फिल्म में एक्शन सीन्स के लिए माणिक ने अमिताभ के बॉडी डबल का रोल निभाया था । लेकिन उन्हें इस काम का क्रेडिट नहीं दिया गया । तब वो इंडस्ट्री में नए थे इसलिए वो इस मामले में कुछ ना कर सके ।
फिल्मों में ‘भाड़े का बदमाश’ बनकर की गुंडागर्दी
माणिक 80 और 90 की दशक में कई फिल्मों में गुंडे के रोल में ही नजर आए । माणिक ईरानी को ‘पाप और पुण्य’ (1974), ‘त्रिशूल’ (1978), ‘जॉनी आई लव यू’ (1982), ‘नास्तिक’ (1983), ‘करमा’ (1986), ‘जख्म’ (1989) और ‘शानदार’ (1990) जैसी कई फिल्मों में भाड़े के गुंडे के किरदार में देखा गया था। 1976 में आई फिल्म ‘कालीचरण’ में माणिक ने मदन पुरी के बेटे का रोल किया था।
जबरदस्त डायलॉग्स भी किए जाते हैं याद
माणिक के किरदार ही नहीं उनके डायलॉग भी काफी फेमस रहे । उन्हें अपनी डायलॉग डिलीवरी के चलते भी जाना जाता रहा । उनके कुछ डायलॉग्स जैसे – ‘आशिक की जगह जमीन पे नहीं…ऊपर होती है’ या मैं इस हरामजादे की वो हालत बनाऊंगा कि वैध और हकीम भी परेशान हो जाएंगे और सोचेंगे कि थोबड़ा कौन-सा है और हाथ पैर कौन-से हैं? काफी फेमस रहे ।
अपने गठीले शरीर के लिए जाने जाते थे
6 फुट का कद और गठीला बदन । उस दौर में जब जिम की कोई खास वैल्यू नहीं थी तब भी माणिक अपने शरीर को लेकर काफी कॉन्शियस रहते थे । उन्हें पता था कि यही उनकी पहचान है । बॉलीवुड में ऐसी हट्टा कट्टा शरीर ही उन्हें औरों से अलग बनाता है । फिल्मों में उनका मेकअप, अजीब से बाल, हंसी से उन्होने विलेन के किरदार को एक नया ही रंग दिया ।
हॉरर फिल्मों में पिशाच भी बने
बॉलीवुड फिल्मों का बिल्ला अपनी खतरनाक कदकाठी और खौफनाक हंसी के कारण उन फिल्मों का भी किरदार बना जिन्हे तब हॉरर कहा जाता था । हालांकि आज के जमाने में ऐसी फिल्में हॉरर कम कॉमेडी ज्यादा पैदा करती हैं । लेकिन 80 के दशक में इन फिल्मों का निर्माण शुरू हुआ तो बॉलीवुड के इस भयानक दिखने वाले विलेन को चुना गया ।